Women sang of Him while they wished to get married to someone else, because He was supposed to be, among many things, a God who lavishly bestowed boons on them to find a suitable groom.
He was much married Himself and the name of His eternal beloved, Parvati, was always fused into His own .
So often was He referred to as ‘Shivparvati’, that this plural had become synonymous with togetherness.
And just as great an enigma as He was, so too was Parvati. It was She who was Sati, in a previous life. She it was, who was Shakti, the Goddess of power, in eternal wedlock with Shiva, making Him Shaktiman, the wielder of all the power there was in the Universe. She was always present in His presence. Even if that meant being reincarnated from one lifetime to another.
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Ardhanareshwar Art : QK Arlene
शिवपार्वती
जबकी वे किसी और से शादी करना चाहते थीं, तब भी महिलाओं ने उनका गान गाया, क्योंकि शिव को कई बातों के अलावा, एक ऐसा भगवान भी माना जाता था, जो उन्हें एक उपयुक्त वर खोजने के लिए वरदान देते थे । वह स्वयं भी अपने विवाह से बहोत खुश थे और उनकी शाश्वत प्रेमिका, पार्वती का नाम हमेशा उनके साथ जुड़ गया था। उन्हें 'शिवपार्वती' के रूप में संदर्भित किया जाता था, कि यह बहुवचन एकता का पर्याय बन गया था। और जैसे वे जितने महान रहस्य माये थे, वैसे ही माता पार्वती भी थीं। यह वह थी जो पिछले जन्म में माता सती थी। वह वह थी, जो शक्ति की देवी थी, शिवजी के साथ शाश्वत विवाह में, उन्हें शक्तिमान बना रही थी, जो ब्रह्मांड में मौजूद सभी शक्तियों की क्षेत्राधिकारी थी। वह हमेशा उनकी उपस्थिति में मौजूद रहती थी। भले ही इसका मतलब एक जन्म से दूसरे जन्म में पुनर्जन्म लेना हो। Hindi translation by Yash NR
जबकी वे किसी और से शादी करना चाहते थीं, तब भी महिलाओं ने उनका गान गाया, क्योंकि शिव को कई बातों के अलावा, एक ऐसा भगवान भी माना जाता था, जो उन्हें एक उपयुक्त वर खोजने के लिए वरदान देते थे । वह स्वयं भी अपने विवाह से बहोत खुश थे और उनकी शाश्वत प्रेमिका, पार्वती का नाम हमेशा उनके साथ जुड़ गया था। उन्हें 'शिवपार्वती' के रूप में संदर्भित किया जाता था, कि यह बहुवचन एकता का पर्याय बन गया था। और जैसे वे जितने महान रहस्य माये थे, वैसे ही माता पार्वती भी थीं। यह वह थी जो पिछले जन्म में माता सती थी। वह वह थी, जो शक्ति की देवी थी, शिवजी के साथ शाश्वत विवाह में, उन्हें शक्तिमान बना रही थी, जो ब्रह्मांड में मौजूद सभी शक्तियों की क्षेत्राधिकारी थी। वह हमेशा उनकी उपस्थिति में मौजूद रहती थी। भले ही इसका मतलब एक जन्म से दूसरे जन्म में पुनर्जन्म लेना हो। Hindi translation by Yash NR
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